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कैश मेमोरी क्या है विस्तार से समझाइए | कैश मीनिंग इन हिंदी

 कैश मेमोरी क्या है विस्तार से समझाइए | Cache mening in hindi

कैश मेमोरी सबसे तेज मेमोरी होती है। यह रैम और प्रोसेसर के बीच में होती है। जब भी आप कंप्यूटर या मोबाइल में किसी चीज को बार बार करते हैं। तो वह कैश मेमोरी में एक Temporary File के रूप में सेव हो जाता है जैसे कोई कीवर्ड, सर्च हिस्ट्री और इमेज की छोटी-छोटी फाइल इत्यादि। और जब आप अगली बार उसी कार्य को करते हैं तो कैश मेमोरी से तुरंत ही वह डाटा एक्सेस हो जाता है।

चूँकि Cache memory प्रोसेसर और रैम के बीच में फिट होती है। इसलिए इसमें सेव डाटा को एक्सेस करने के लिए बहुत कम समय लगता है। लेकिन इसकी साइज बहुत कम होती है कैश मेमेरी की साइज MB में रहती है। फिर भी यह बहुत फास्ट वर्क करती है। जितना ज्यादा कैश मेमोरी होगी कंप्यूटर या मोबाइल उतना ही फास्ट चलेगा। लेकिन कैश मेमेरी बहुत ज्यादा महंगी होती है।

कैश मेमोरी क्या है | कैश मीनिंग इन हिंदी
Cache Memory Kya Hai?

एक उदाहरण से समझते कैश मेमोरी कैसे काम करती है। मान लीजिए की आपने गूगल पर सर्च किया फ्लाइट मोड में इंटरनेट कैसे चलाएं? और दो तीन बार सर्च किए है तो, जब अगली बार फिर से सर्च करने के लिए फ्लाइट मोड लिखेगे तो कैश मेमोरी समझ जाएगा की यूजर क्या सर्च करना चाहता है। और तुरंत ही उस कीवर्ड को नीचे दिखा देगा।

इसी प्रकार अगर किसी ब्राउजर में कोई वेबपेज ओपेन किया हुआ है, तो उसकी एक कैश फाइल क्रिएट होकर कैश मेमोरी में सेव हो जाएगी ताकि जब आप अगली बार उस पेज को विजिट करे तो वब पेज जल्दी से ओपन हो जाए।

कैश मेमोरी कैसे काम करती है?

इसे एक रियल लाइफ के Example से समझते हैं मान लीजिए की आपके पास एक कढ़ाई में खीर है व आपके पास एक प्लेट है। और खीर निकालने के लिए एक चम्मच है। अब आप क्या करेंगे कढ़ाई से खीर प्लेट में डालने के लिए चम्मच का इस्तेमाल करेंगे। यहाँ पर कढ़ाई आपका ऱोम (ROM) है तथा प्लेट RAM है और चम्मच कैश मेमोरी है। यहाँ पर गौर करने वाली बात यह है कि चम्मच काफी छोटा है लेकिन खीर को बहुत जल्दी प्लेट में ट्रांसफर कर देता है।

कैश मेमोरी कैसे काम करती है?
Cache memory kaise work karti hai?

 

इसी प्रकार से कंप्यूटर और मोबाइल में भी होता है। रोम में स्टोर डाटा या प्रोग्राम को रैम में ट्रांसफर करने के लिए कैश मेमोरी का उपयोग किया जाता है। चूँकि यह काम कैश मेमोरी को बार-बार करना होता है इसलिए कैश मेमोरी उसे याद कर लेती है।

परन्तु जब एक साथ कई अलग अलग चीजें ओपेन कर देते है। और अलग-अलग चीजें सर्च कर लेते है तो यह कैश मेमोरी फुल हो जाती है। इसलिए आपकी मोबाइल धीमी चलने लगती है। फिर आपको कैश मेमोरी को क्लियर करना पड़ता है।

कैश डाटा क्या होता है – Cache Data kya hota hai?

हमारे द्वारा मोबाइल पर किए गए कार्य की जानकारी को कुकीज के रूप में एक Temporary File  कैश मेमोरी में सेव कर दिया जाता है, जिसमें सर्च इतिहास, कैच इमेज तथा कुछ कोडिंग डाटा जो कंप्यूटर या मोबाइल के लिए उपयोगी होता है शामिल है। जिसे कैश डाटा कहा जाता है। कैश मेमोरी में सेव फाइल टेम्प्रेरी फाइल होती है।

आप देखते हैं कि आपकी गैलरी में कई सारे बड़े-बड़े साइज के फोटोज होते है। लेकिन उनको देखने से पहले सभी फोटोज के छोटे-छोटे Icon नजर आते हैं। इन icon को थम्बनैल कहते है यह आइकन/थम्बनैल कैश मेमोरी में स्टोर रहते है। अगर आप गैलरी का कैश डाटा डिलीट कर देते हैं और गैलरी को ओपेन करते है पहली वार ओपेन होने में थोड़ा ज्यादा टाइम लगता है। क्योंकि पुनः कैश फाईलें बनती है और कैश मेमोरी में सेव होती है।

कैश मेमोरी कितने प्रकार की होती है?

कैश मेमोरी 3 लेयर में होती है, लेयर 1 और लेयर 2 प्रोसेसर के अंदर इंनबिल्ट रहती है। तथा अगर प्रोसेसर Dual core है तो लेयर 3 कैश मेमोरी दोनो प्रोसेसर के बीच शेयर्ड रहती है। यानी की लेयर 3 कैश मेमोरी को दोनो कोर यूज करेंगे।

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Rohit Soni

Rohit Soni

हेलो दोस्तों, मेरा नाम रोहित सोनी है। मै TechnicalRpost.in का Author and Founder हूँ। मैं इस ब्लॉग में रेगुलर नई नई आर्टिकल्स लिखता हूँ। यहाँ पर हम ज्यादातर Technology, Computer, Mobile, Internet, Banking, Flipkart, Tips and Tricks आदि से संबंधित Articles शेयर करते हैं। आपको हमारा लेख पसंद आता है तो इसे सोशल मीडिया में शेयर करें। अगर आपको कोई सहायता चाहिए तो कमेंट कीजिए।View Author posts

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